एक और जीत राजस्थान के एक छोटे से गाँव में आर्यन नाम का एक लड़का रहता था। उसका सपना था कि वह एक दिन बड़ा क्रिकेटर बने और भारत का नाम रोशन करे। लेकिन उसके पास न तो अच्छा बल्ला था, न ही मैदान, और न ही कोई कोच। बस था तो एक सपना, और उसे पूरा करने की ज़िद। आर्यन हर सुबह सूरज उगने से पहले उठता, खेतों में पिता की मदद करता और फिर खाली मैदान में अकेले क्रिकेट की प्रैक्टिस करता। उसने लकड़ी से खुद का बल्ला बनाया था और पत्थर को स्टंप की जगह रखता। गाँव के बच्चे उसे चिढ़ाते थे, कहते, “तेरे जैसे गरीब लड़के कभी धोनी या कोहली नहीं बनते।” लेकिन आर्यन चुपचाप अपनी मेहनत में जुटा रहता। एक दिन गाँव में एक क्रिकेट टूर्नामेंट की घोषणा हुई। आर्यन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह दौड़ता हुआ घर गया और पिता से बोला, “पापा, मैं टूर्नामेंट में खेलना चाहता हूँ।” पिता ने उसकी आँखों की चमक देखी और कहा, “तू खेल, बेटा। हम तेरी फीस का इंतज़ाम करेंगे।” आर्यन ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। पहले मैच में ही उसने शानदार पारी खेली – 87 रन। लोगों की आँखें खुली की खुली रह गईं। अगले कुछ मैचों में भी वह छाया रहा। फाइनल में आर्यन की ट...